अंकिता-हसनैन की लव स्टोरी: प्यार के खिलाफ समाज और संगठनों का विरोध,

हिन्दू लड़की को मुस्लिम दूल्हा पसंद, शादी के लिए गेरुआ टोले से बगावत | Hindu Girl Muslim boy Love | Jabalpur Sihora Hasnain Ansari


हिन्दू लड़की को मुस्लिम दूल्हा पसंद, शादी के लिए गेरुआ टोले से बगावत


भोपाल: प्यार, विरोध, और एक साहसी जोड़ी

भोपाल की अंकिता और हसनैन की प्रेम कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं है। दोनों की मुलाकात भोपाल में एक कॉरपोरेट मीटिंग के दौरान हुई थी। पहली नजर में दोनों के दिलों में कुछ खास महसूस हुआ। कुछ ही समय में, उनके बीच की दोस्ती गहरे प्यार में बदल गई। यह प्यार था जो किसी जात-पात या धर्म को नहीं देखता था, सिर्फ इंसानियत और सच्चाई को अहमियत देता था। लेकिन, उनके इस रिश्ते को समाज और परिवार ने खुलकर विरोध किया।



विरोध का सामना


अंकिता और हसनैन ने जब अपने रिश्ते की बात परिवारों और दोस्तों से की, तो मानो आग लग गई। अंकिता के परिवार ने इस रिश्ते को मंजूरी देने से साफ मना कर दिया, और आसपास के हिंदू संगठनों ने भी विरोध में 'लव जिहाद' का मुद्दा उठाया। विरोध की आग इतनी भड़क गई कि समाज के कुछ हिस्सों में बंद और विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए।


अंकिता-हसनैन प्रेम कहानी: कट्टरपंथियों की धमकियों के बीच प्यार की जीत


अंकिता और हसनैन की प्रेम कहानी ने जैसे ही सुर्खियाँ बटोरीं, वैसे ही कुछ कट्टरपंथी संगठनों ने विरोध करना शुरू कर दिया। समाज में धार्मिक आधार पर नफरत फैलाने वाले लोग इसे ‘धर्म परिवर्तन’ का नाम देने लगे। T राजा सिंह जैसे नेताओं ने खुलेआम धमकी दी कि अगर ये रिश्ता आगे बढ़ा, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। उन्होंने कहा कि "हम हिंदू लड़कियों को मुस्लिम लड़कों से शादी नहीं करने देंगे," और इस प्रेम कहानी को ‘लव जिहाद’ का मामला बताया।


कट्टरपंथियों ने अंकिता को डराने की पूरी कोशिश की, लेकिन अंकिता ने साफ कर दिया कि उसका प्यार हसनैन के साथ सच्चा और पवित्र है। इसके बाद भी धमकियाँ जारी रहीं, और हिंदू संगठनों ने इसे धार्मिक मुद्दा बनाने का प्रयास किया।


हिंदू-मुस्लिम रिश्तों को लेकर कई बार ऐसी धमकियाँ दी जाती हैं, जहां कट्टरपंथी लोग धर्म और समाज का सहारा लेकर प्यार को रोकने की कोशिश करते हैं। लेकिन अंकिता और हसनैन जैसे लोग साबित करते हैं कि प्यार धर्म, जाति या समुदाय नहीं देखता।



अंकिता का साहस


ऐसे हालातों में, जहां अंकिता को अपने परिवार और समाज के विरोध का सामना करना पड़ा, उसने हिम्मत नहीं हारी। उसने अपने दिल की आवाज सुनी और कहा, “अगर मुझे कुछ होता है, तो इसके जिम्मेदार वे लोग होंगे जो हमारे प्यार का विरोध कर रहे हैं।” अंकिता के इन बोलों ने विरोधियों को सीधा संदेश दिया कि वह अपने प्यार के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है।



हसनैन का धैर्य


हसनैन ने अंकिता के साथ हर कदम पर खड़े रहने का वादा किया। उसने यहां तक कहा कि अगर प्यार को किसी धर्म की जरूरत है, तो वह हिंदू धर्म अपनाने को भी तैयार है। "मेरे लिए प्यार सबसे बड़ा धर्म है," हसनैन ने कहा। उसका यह कदम विरोधियों को शांत करने के लिए था, लेकिन उसके दिल में अंकिता के लिए सच्चा और अडिग प्यार था।



कोर्ट की दिलचस्प भूमिका


जब मामला अदालत तक पहुंचा, तो कोर्ट ने भी इस प्रेम कहानी का समर्थन किया। अदालत ने पुलिस को निर्देश दिए कि दोनों की शादी की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। अदालत का यह फैसला अंकिता और हसनैन के लिए एक बड़ी जीत थी। अब, 12 नवंबर की तारीख को उनकी कोर्ट मैरिज होने जा रही है, जो इस प्रेम कहानी के इतिहास बनने जैसा है।



क्या होगा 12 नवंबर को?


अब सभी की नजरें 12 नवंबर पर टिकी हैं। क्या अंकिता और हसनैन बिना किसी बाधा के अपनी शादी कर पाएंगे? या फिर हिंदू संगठनों का विरोध कोई नई मुसीबत खड़ी करेगा?


यह कहानी सिर्फ एक प्रेम कथा नहीं, बल्कि उन सभी युवाओं के लिए एक मिसाल है जो धर्म और समाज की बेड़ियों से ऊपर उठकर सच्चे प्यार की राह पर चलना चाहते हैं। अंकिता और हसनैन का साहस हमें यह सिखाता है कि सच्चा प्यार कभी धर्म या जाति की दीवारों में नहीं बंध सकता।


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