शादी के उन्नीस साल बाद भी नहीं मिला कालीन भैया की बीवी को बहू का दर्जा

मृदुला का अधूरा सपना - बहू के दर्जे का इंतजार!



शादी के उन्नीस साल बाद भी कालीन भैया की बीवी को बहू का दर्जा नहीं मिल पाया! पंकज त्रिपाठी जैसे बड़े कलाकार की पत्नी मृदुला का यह खुलासा हैरान करने वाला है। अपने ससुराल में आज तक उन्हें बहू का मान-सम्मान नहीं मिला, जिस पर उन्होंने खुलकर बात की। 


दोनों के प्यार और संघर्ष की कहानी सुनकर आप हैरान रह जाएंगे, जहां पंकज की मां आज भी इस रिश्ते को पूरी तरह अपनाने से कतराती हैं। आइए जानते हैं कैसे शुरू हुआ उनका सफर, कैसे मिली सफलता, और लोग इस पर क्या सोचते हैं!



कहानी विस्तार से:


1. प्यार की शुरुआत और शादी का सफर:

पंकज त्रिपाठी और मृदुला की प्रेम कहानी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं। दोनों की पहली मुलाकात स्कूल के समय में ही हो गई थी। मृदुला 9वीं कक्षा में थीं और पंकज 11वीं में। परिवार के डर से उन्होंने इसे लंबे समय तक छिपाया, क्योंकि उनके समाज में लड़के-लड़की की दोस्ती को अच्छी नजर से नहीं देखा जाता था। इस प्यार ने धीरे-धीरे गहराई पकड़ी, और आखिरकार 15 जनवरी 2004 को दोनों ने शादी कर ली।


2. बहू का दर्जा क्यों नहीं मिला?

मृदुला ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि उनकी सास ने उन्हें बहू का दर्जा कभी नहीं दिया। उनकी शादी के समय दोनों परिवार मौजूद थे, लेकिन पंकज की मां आज भी उनके रिश्ते को पूरी तरह से नहीं स्वीकार पाई हैं। वजह सिर्फ ये है कि उनकी संस्कृति में शादी के बाद भी बहू का स्थान नहीं दिया जाता अगर वह दूसरे तबके की हो। पंकज की बहन और मृदुला के भाई के बीच शादी होने के बावजूद रिश्ते में ये दूरी बनी रही।


3. संघर्ष भरा सफर और सफलता की कहानी:

पंकज के संघर्ष के समय मृदुला हमेशा एक चट्टान की तरह उनके साथ खड़ी रहीं। पंकज के मुश्किल दिनों में घर का खर्चा भी मृदुला ही उठाती थीं। वह एक स्कूल में पढ़ाती थीं, जिससे पंकज अपने सपने को पूरा कर पाएं। पंकज त्रिपाठी का मानना है कि उनकी सफलता का श्रेय उनकी पत्नी मृदुला को ही जाता है। आज पंकज के नाम पर लोग फिल्में देखना पसंद करते हैं और निर्माता सबसे पहले उन्हें अपनी फिल्म में लेना चाहते हैं।


4. परिवार और बेटी:

पंकज और मृदुला की एक प्यारी सी बेटी भी है जिसका नाम आशी है। पंकज का परिवार आज एकजुट है, लेकिन सास-बहू के रिश्ते में वो अपनापन आज भी नहीं आया है। इस रिश्ते की ये पेचीदगी भले ही हो, लेकिन पंकज और मृदुला का एक-दूसरे के प्रति समर्पण अद्वितीय है।


5. करियर में ऊंचाई पर पहुंचना:

पंकज ने गोपालगंज के छोटे से गांव से मुंबई का सफर तय किया, और अपनी मेहनत के बल पर फिल्म इंडस्ट्री में एक खास जगह बनाई। कभी एक कमरे के मकान में रहने वाले पंकज ने 2019 में मुंबई में अपना खूबसूरत घर लिया, जिसे उन्होंने अपनी सपनों की मंजिल कहा।



जनता की राय:

इस कहानी को जानने के बाद लोग क्या सोचते हैं? क्या ये रिश्तों में बदलाव की जरूरत को दर्शाता है? आपके विचार क्या हैं? नीचे कमेंट करके अपनी राय दें!

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