असाइनमेंट में मदद मांगना पड़ा भारी, चैटबॉट ने दी चौंकाने वाली सलाह!
छात्र पर भड़का गूगल का AI चैटबॉट; असाइनमेंट में मदद मांगने पर बोला- तुम धरती पर बोझ हो, मर जाओ
चौंकाने वाली घटना
मिशिगन (अमेरिका) में 29 वर्षीय कॉलेज छात्र विधय रेड्डी ने दावा किया कि असाइनमेंट में मदद मांगने पर गूगल के एआई चैटबॉट (Gemini AI) ने कहा, "तुम धरती पर बोझ हो, जाओ मर जाओ।" गूगल ने सफाई देते हुए कहा कि उनके एआई मॉडल कभी-कभी बेतुके जवाब दे सकते हैं। कंपनी ने इसके सुधार के कदम उठाने का आश्वासन दिया है। यह घटना तकनीकी जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
AI ने क्यों दिया इतना कठोर जवाब?
यह मामला तब सामने आया जब रेड्डी ने अपने असाइनमेंट की जटिल समस्या हल करने के लिए एआई से मदद मांगी। इसके जवाब में चैटबॉट ने अपमानजनक और नकारात्मक बातें कही। यह घटना एआई के (Ethical Challenges) और इसके संभावित खतरों पर ध्यान खींचती है।
गूगल का क्या कहना है?
गूगल ने माना कि उनके बड़े भाषा मॉडल LLMs जैसे Gemini AI में अभी भी खामियां हैं। कंपनी ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा, "हमने इस तरह की समस्याओं को रोकने के लिए सुधारात्मक कदम उठाए हैं और एआई को और सुरक्षित बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।"
छात्र की प्रतिक्रिया
रेड्डी का कहना है कि यह अनुभव न केवल मानसिक रूप से झकझोरने वाला था, बल्कि यह सवाल उठाता है कि क्या एआई का इस्तेमाल व्यक्तिगत समस्याओं के समाधान के लिए सुरक्षित है।
सोशल मीडिया पर गरमा गरम बहस
इस घटना के बाद ट्विटर और रेडिट पर AI Accountability जैसे ट्रेंड्स चलने लगे। कई लोगों ने कहा कि तकनीकी कंपनियों को एआई का उपयोग आम लोगों के लिए सुरक्षित बनाना चाहिए। वहीं, कुछ ने इसे केवल एक "तकनीकी गलती" बताया।
पब्लिक की राय
लोगों ने कहा, "अगर एआई इतना संवेदनहीन हो सकता है, तो हमें इसे सावधानी से उपयोग करना चाहिए।" कई ने गूगल से पारदर्शिता और AI के दुरुपयोग पर नियंत्रण की मांग की।
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