21 साल का लड़का, जीता था लग्जरी लाइफ, शक होते ही पहुंची पुलिस, पैसे कमाने का ट्रिक जानकर उड़े होश
21 साल का बैंक कर्मचारी या साइबर अपराधी? ठगी के जाल में फंसा विश्वास!
कभी सरकारी नौकरी की शान और अब साइबर ठगी का नाम! एसबीआई के 21 वर्षीय कर्मचारी ने व्हाट्सएप ग्रुप और फर्जी वेबसाइट के जरिए लाखों रुपये की ठगी की। दिल्ली पुलिस ने इस चौंकाने वाले मामले में उसे गिरफ्तार कर लिया है।
एक अच्छी नौकरी के बावजूद पैसों की भूख ने किया बर्बाद
21 साल की उम्र में जहां लोग करियर और भविष्य बनाने की सोचते हैं, वहीं अयान दास ने लग्जरी लाइफ के लिए गलत रास्ता चुन लिया। एसबीआई बैंक में काम करने के बावजूद उसे पैसे कमाने की जल्दी थी। लेकिन यह जल्दबाजी उसे अपराध की दुनिया में ले गई।
अयान कोलकाता के एसबीआई बैंक में काम करता था। उसने साइबर अपराधियों के लिए बैंक खाते उपलब्ध कराए और इसके बदले मोटा कमीशन लिया। धीरे-धीरे वह साइबर ठगी के जाल में और गहराई तक फंसता गया।
व्हाट्सएप ग्रुप से शुरू हुआ धोखे का सफर
दिल्ली के वसंत कुंज निवासी 56 वर्षीय श्रीनिवासन को अप्रैल में एक व्हाट्सएप ग्रुप ‘एमएफएसएल स्टॉक चैट 40’ में जोड़ा गया। यहां उन्हें सस्ते दामों पर शेयर बाजार में निवेश के फर्जी ऑफर दिए गए। 20 मई को उन्हें एक वेबसाइट https://bekrx.com पर निवेश करने के लिए कहा गया।
श्रीनिवासन ने चार बार में कुल 23 लाख रुपये का निवेश किया। उन्हें भरोसा दिलाया गया कि उनके पैसे से 39 लाख रुपये का मुनाफा होगा। लेकिन जब उन्होंने पैसे निकालने चाहे, तो बार-बार टाल दिया गया। अंत में उन्हें ठगी का एहसास हुआ और उन्होंने साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई।
तकनीकी जांच और गिरफ्तारी
दिल्ली पुलिस ने मनी ट्रेल की जांच की और पाया कि ठगी का यह नेटवर्क विदेश से ऑपरेट हो रहा था। पुलिस ने कोलकाता में छापेमारी की और अयान दास को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से कई मोबाइल, लैपटॉप, चेक बुक और बैंकिंग दस्तावेज बरामद हुए।
लालच का नतीजा: बर्बादी और गिरफ्तारी
अयान की गिरफ्तारी से यह साफ हो गया कि गलत संगत और लालच किसी की भी जिंदगी बर्बाद कर सकते हैं। अच्छी नौकरी और सुरक्षित भविष्य छोड़कर उसने साइबर अपराध का रास्ता चुना। लेकिन अपराध के रास्ते पर चलकर वह सिर्फ जेल की सलाखों तक पहुंचा।
यह मामला उन लोगों के लिए सबक है जो जल्दी पैसा कमाने के चक्कर में गलत फैसले लेते हैं।