क्या एक पिता का गुस्सा सही था? जानिए कुवैत से आई इस चौंकाने वाली कहानी

क्या एक पिता का गुस्सा सही था? जानिए कुवैत से आई इस चौंकाने वाली कहानी

पिता ने बेटी के साथ यौन उत्पीड़न करने वाले आरोपी को मौत के घाट उतारा, जानिए पूरी घटना और पुलिस की लापरवाही


एक पिता ने अपनी 12 साल की बेटी के साथ यौन उत्पीड़न करने वाले आरोपी को मार डाला। पुलिस की लापरवाही और न्याय के लिए उसकी हताशा ने उसे यह कदम उठाने पर मजबूर किया। जानिए पूरी घटना और क्या हुआ बाद में।



पहला पैराग्राफ:

आंध्र प्रदेश के अन्ना मय जिले के रहने वाले 37 वर्षीय अंजनी प्रसाद कुवैत में काम करने गए थे। उन्होंने अपनी 12 साल की बेटी को अपनी पत्नी की बहन लक्ष्मी के पास छोड़ दिया था ताकि उसकी पढ़ाई में कोई रुकावट न हो। अंजनी हर महीने लक्ष्मी को पैसे भेजते थे ताकि उनकी बेटी का पालन-पोषण ठीक से हो सके। लेकिन, एक दिन अंजनी को यह जानकर सदमा लगा कि उनकी बेटी के साथ यौन उत्पीड़न हुआ है।


दूसरा पैराग्राफ:

बच्ची ने अपनी मांसी से शिकायत की थी, लेकिन लक्ष्मी ने बेटी से चुप रहने को कहा। कुछ समय बाद लक्ष्मी ने अंजनी और चंद्रकला को फोन करके अपनी बेटी को वापस बुलाने के लिए कहा। अंजनी और चंद्रकला जब भारत वापस आए और अपनी बेटी से मिले, तो उसने उन्हें पूरी कहानी सुनाई। दोनों ने पुलिस से शिकायत की, लेकिन पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। पुलिस ने सिर्फ आरोपी को चेतावनी दी, जिससे अंजनी बेहद नाराज हो गए।


तीसरा पैराग्राफ:

अंजनी ने कुवैत वापस लौटने से पहले लक्ष्मी के घर जाकर आरोपी को लोहे की रॉड से पीट-पीटकर मार डाला। इस घटना के बाद, अंजनी ने कुवैत से एक वीडियो जारी किया, जिसमें उसने अपनी कार्रवाई का कारण बताया। वीडियो में अंजनी ने कहा कि पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया और मामले में समझौता करने का दबाव डाला। इसीलिए उसने न्याय के लिए खुद यह कदम उठाया। अंजनी ने यह भी कहा कि वह कानून के सामने सरेंडर करेगा।


चौथा पैराग्राफ:

इस घटना ने सोशल मीडिया पर जमकर बहस छेड़ी है। एक ओर लोग अंजनी को सही मान रहे हैं, तो दूसरी ओर कुछ लोग यह मानते हैं कि उसे कानून को अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए था। पुलिस ने अंजनी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और मामले की जांच जारी है। वहीं, अधिकारियों ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की बात की है। यह घटना न सिर्फ एक पिता की व्यथा को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि न्याय की उम्मीद कभी-कभी इंसान को हद से आगे बढ़ने पर मजबूर कर देती है।

Next Post Previous Post
No Comment
Add Comment
comment url