"आज़ादी के बाद की छलांग: भारत और पाकिस्तान में कौन कितना आगे


भारत पर ब्रिटिश शासन और स्वतंत्रता के बाद के देशों की प्रगति


भारत और आसपास के देशों का इतिहास ब्रिटिश साम्राज्य के तहत संघर्ष और स्वतंत्रता के संग्राम से जुड़ा हुआ है। ब्रिटिश साम्राज्य ने भारतीय उपमहाद्वीप और कई अन्य देशों पर अपनी पकड़ बनाई थी। लेकिन जैसे-जैसे वक्त बदला, इन देशों ने स्वतंत्रता हासिल की और अपने रास्ते पर चलने लगे। इस लेख में हम भारत पर ब्रिटिश शासन के प्रभाव, ब्रिटिश साम्राज्य से मुक्त हुए देशों की वर्तमान स्थिति, और उनकी अर्थव्यवस्था और सैन्य ताकत पर चर्चा करेंगे।


भारत पर ब्रिटिश शासन: संक्षिप्त इतिहास


भारत पर ब्रिटिश साम्राज्य की शुरुआत 1757 में हुई थी, जब ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने प्लासी की लड़ाई में बंगाल के नवाब को हराया। इसके बाद धीरे-धीरे पूरे भारत में ब्रिटिश शासन का विस्तार हुआ। 1857 का विद्रोह एक अहम घटना थी, जिसके बाद भारत सीधे ब्रिटिश क्राउन के अधीन आ गया। ब्रिटिश शासन के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था का भारी शोषण हुआ, प्राकृतिक संसाधनों का दोहन किया गया और भारतीय समाज में आर्थिक असमानताएँ बढ़ी।


ब्रिटिश साम्राज्य: एक विशाल साम्राज्य


ब्रिटिश साम्राज्य दुनिया के सबसे बड़े साम्राज्यों में से एक था, जो लगभग 25% वैश्विक क्षेत्र पर फैला हुआ था। इसे "सूरज कभी न डूबने वाला साम्राज्य" कहा जाता था। इस साम्राज्य का विस्तार एशिया, अफ्रीका, अमेरिका और ओशिनिया के कई देशों तक था।


  • प्रमुख क्षेत्र:
  • 1. एशिया: भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, म्यांमार
  • 2. अफ्रीका: दक्षिण अफ्रीका, केन्या, मिस्र, नाइजीरिया
  • 3. अन्य: कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, कैरेबियन द्वीप



ब्रिटिश साम्राज्य से मुक्त हुए देश


1947 के बाद, ब्रिटिश साम्राज्य से कई देशों ने स्वतंत्रता प्राप्त की। भारत और पाकिस्तान का विभाजन 1947 में हुआ, इसके बाद अन्य देशों ने भी ब्रिटिश शासन से मुक्ति पाई।


स्वतंत्रता की तारीखें और घटनाएँ:

| देश         | स्वतंत्रता की तारीख  | मुख्य घटनाएँ और प्रभाव                   |

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| भारत        | 15 अगस्त 1947           | स्वतंत्रता संग्राम, महात्मा गांधी के नेतृत्व में अहिंसक आंदोलन, विभाजन और देश की पुनर्निर्माण प्रक्रिया। |

| पाकिस्तान   | 15 अगस्त 1947           | भारत के विभाजन के परिणामस्वरूप पाकिस्तान का गठन, धार्मिक आधार पर देश का विभाजन। |

| श्रीलंका    | 4 फरवरी 1948            | बिना किसी युद्ध के स्वतंत्रता की प्राप्ति, शांतिपूर्ण आंदोलन। |

| म्यांमार    | 4 जनवरी 1948            | लोकतांत्रिक आंदोलन के बाद ब्रिटिश साम्राज्य से मुक्ति। |

| बांग्लादेश  | 26 मार्च 1971           | पाकिस्तान से विभाजन के बाद स्वतंत्रता प्राप्ति, संघर्ष और युद्ध के बाद। |



इन देशों की मौजूदा स्थिति: अर्थव्यवस्था और सैन्य ताकत


स्वतंत्रता के बाद, इन देशों ने अपनी अर्थव्यवस्था, सैन्य ताकत, और सामाजिक-आर्थिक ढांचे में कई बदलाव देखे। कुछ देशों ने तेज़ी से विकास किया, जबकि कुछ अभी भी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। नीचे इन देशों की वर्तमान स्थिति का विश्लेषण किया गया है।


GDP और सैन्य ताकत


देश GDP (Nominal) GDP Per Capita Military Power Rank
भारत $3.73 ट्रिलियन $2,650 4th
पाकिस्तान $376 बिलियन $1,650 10th (क्षेत्रीय स्तर पर)
बांग्लादेश $460 बिलियन $2,800 उभरती सैन्य शक्ति
श्रीलंका $84 बिलियन $3,800 मध्यम स्तर
म्यांमार $69 बिलियन $1,300 घरेलू सुरक्षा पर केंद्रित




वर्तमान स्थिति: विकास और चुनौतियाँ

1. भारत:

अर्थव्यवस्था: भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और तेज़ी से बढ़ रहा है।

सैन्य शक्ति: भारत का सैन्य दुनिया में चौथे स्थान पर है, जो उसे वैश्विक सुरक्षा मामलों में एक महत्वपूर्ण ताकत बनाता है।

चुनौतियाँ: भौतिक और डिजिटल ढांचे का विस्तार हो रहा है, लेकिन गरीबी और बेरोज़गारी जैसी समस्याएँ अभी भी हैं।


2. पाकिस्तान:

अर्थव्यवस्था: पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था उतनी मजबूत नहीं है, लेकिन इसके पास एक मजबूत सैन्य बल है।

सैन्य शक्ति: पाकिस्तान का सैन्य, विशेष रूप से परमाणु हथियारों के कारण, क्षेत्रीय ताकत है।

चुनौतियाँ: पाकिस्तान को कर्ज संकट और आंतरिक अस्थिरता का सामना करना पड़ रहा है।


3. बांग्लादेश:

अर्थव्यवस्था: बांग्लादेश ने वस्त्र उद्योग में महत्वपूर्ण प्रगति की है और विकास के नए रास्ते खोले हैं।

सैन्य शक्ति: बांग्लादेश का सैन्य छोटा है, लेकिन देश की आंतरिक सुरक्षा और रक्षा क्षमताएँ मजबूत हैं।

चुनौतियाँ: जलवायु परिवर्तन, बाढ़ और राजनीतिक अस्थिरता प्रमुख मुद्दे हैं।


4. श्रीलंका:

अर्थव्यवस्था: श्रीलंका की अर्थव्यवस्था पर्यटन और कृषि पर निर्भर है, लेकिन कर्ज के बोझ और आर्थिक संकट के कारण इसकी स्थिति कमजोर हुई है।

सैन्य शक्ति: सैन्य क्षमताएँ मध्यम हैं, और देश गृहयुद्ध के बाद अब अपने विकास की दिशा में काम कर रहा है।

चुनौतियाँ: श्रीलंका को वित्तीय संकट, कर्ज और राजनीतिक अस्थिरता का सामना करना पड़ रहा है।


5. म्यांमार:

अर्थव्यवस्था: म्यांमार की अर्थव्यवस्था आंतरिक संघर्षों के कारण मंद पड़ी है।

सैन्य शक्ति: म्यांमार का सैन्य प्रमुख है, लेकिन देश का अधिकांश सैन्य शक्ति घरेलू संघर्षों में केंद्रित है।

चुनौतियाँ: म्यांमार में राजनीतिक अस्थिरता और सैन्य शासन से उपजी कठिनाइयाँ हैं।



निष्कर्ष:

भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका और म्यांमार, ये सभी देश ब्रिटिश साम्राज्य से मुक्ति पाने के बाद अपने-अपने रास्तों पर चल रहे हैं। कुछ देशों ने तेज़ी से विकास किया है, जबकि कुछ अभी भी संघर्षों का सामना कर रहे हैं। हालांकि, ये सभी देश आज़ादी के बाद अपनी ताकत को पहचानने और वैश्विक स्तर पर अपनी भूमिका निभाने में सक्षम हो रहे हैं।

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