जाकिर हुसैन का निधन: दिग्गज तबला वादक ने छोड़ी संगीत की अमर विरासत
संगीत की दुनिया में शोक: जाकिर हुसैन का अमेरिका में निधन"
भारत के महान तबला वादक जाकिर हुसैन का अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में निधन हो गया। 73 वर्षीय हुसैन इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस से जूझ रहे थे। उनकी संगीत यात्रा और अमूल्य योगदान ने विश्व संगीत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
जाकिर हुसैन: संगीत का अमर सितारा
भारत के प्रसिद्ध तबला वादक जाकिर हुसैन का सोमवार सुबह (भारतीय समय अनुसार) अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस नामक गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। पिछले दो सप्ताह से अस्पताल में भर्ती जाकिर हुसैन की हालत बिगड़ने पर उन्हें आईसीयू में रखा गया था। उनके परिवार ने इस दुखद समाचार की पुष्टि की।
संगीत की दुनिया पर अमिट छाप
जाकिर हुसैन न केवल भारत के बल्कि विश्व के सबसे प्रतिष्ठित संगीतकारों में गिने जाते थे। उनके अद्भुत तबला वादन ने भारतीय शास्त्रीय संगीत को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई। वह महान तबला वादक उस्ताद अल्लाह राखा के बेटे थे और 12 साल की उम्र में ही अपनी पहली परफॉर्मेंस देकर संगीत प्रेमियों के दिलों में जगह बना ली थी।
अवार्ड्स और सम्मान
जाकिर हुसैन को 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण जैसे बड़े राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुए। उन्होंने पांच बार ग्रैमी अवार्ड जीता और करीब 12 फिल्मों में भी काम किया। उनकी प्रतिभा को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी सराहा और उन्हें व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया।
दुनिया के लिए प्रेरणा
73 साल की उम्र में भी वह नए कलाकारों को प्रेरित कर रहे थे। उनके परिवार ने कहा कि वह अपनी अनोखी विरासत के जरिए अगली पीढ़ी को प्रेरित करने का सपना देखते थे। उनकी पत्नी एंटोनिया मिनेकोला और बेटियां अनीसा और इसाबेला उनके परिवार का हिस्सा हैं।
उनके जाने से संगीत की दुनिया में जो खालीपन आया है, वह शायद कभी भरा न जा सके। उनकी विरासत हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेगी।