ममता कुलकर्णी के संन्यास की कहानी: किन्नर अखाड़ा क्यों चुना और शादी पर क्या कहा?
पूर्व बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर बनने का निर्णय क्यों लिया? क्या संन्यास के बाद वह शादी के बारे में सोच रही हैं? जानिए उनका जवाब
ममता कुलकर्णी ने संन्यास के बाद शादी पर क्या कहा?
महामंडलेश्वर बनने के बाद ममता कुलकर्णी ने अपने संन्यास पर खुलकर बात की। जब उनसे शादी को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, "अरे बाप रे! अब संन्यास लेने के बाद कैसी शादी? ऐसा नहीं है कि किसी ने ऐसा नहीं किया हो, लेकिन अब शादी के बारे में सोचने का कोई मतलब नहीं बनता। मेरे महामंडलेश्वर घोषित होते ही, ये सब खत्म हो गया, नष्ट हो गया।"
किन्नर अखाड़ा क्यों चुना?
ममता से यह सवाल भी किया गया कि उन्होंने किन्नर अखाड़ा को ही क्यों चुना? इसके जवाब में उन्होंने कहा, "किन्नर अखाड़ा में किसी चीज़ की बंदिश नहीं है। आप स्वतंत्र रह सकते हैं और धार्मिक कार्यों में भाग ले सकते हैं। मैं किसी भी फंक्शन में जा सकती हूं और ब्रह्मा क्रिया विद्या के बारे में जानकारी दे सकती हूं। यह निर्णय मुझे आज़ादी का अहसास कराता है।"
महामंडलेश्वर बनने की प्रक्रिया और तपस्या
महामंडलेश्वर बनने के अनुभव को ममता ने ‘ग्रेजुएशन की डिग्री’ के समान बताया। उन्होंने कहा, "23 साल की तपस्या के बाद यह पद हासिल हुआ। यह मेरे लिए एक अवॉर्ड की तरह है। मैं इसे मानव कल्याण और सनातन धर्म के लिए समर्पित करूंगी।"
किन्नर अखाड़ा और ट्रांसजेंडर कथावाचकों की प्रतिक्रिया
ममता के किन्नर अखाड़े में शामिल होने पर ट्रांसजेंडर समुदाय और कथावाचकों की भी प्रतिक्रियाएं आई हैं। कई लोगों ने उनके इस कदम को सकारात्मक बताया, तो कुछ ने इसे लेकर सवाल खड़े किए।