"मुस्लिम देशों में भारतीयों की बड़ी तादाद: कौन से देश हैं और कितने लोग हैं काम पर?"
भारतीय मुस्लिम देशों में काम करने को क्यों मजबूर हैं?
भारतीयों का मुस्लिम देशों की तरफ रुख करने का सबसे बड़ा कारण बेहतर रोजगार के अवसर और अधिक कमाई है। भारत में रोजगार की कमी और कम वेतन के कारण बड़ी संख्या में लोग अपनी आजीविका चलाने और परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए विदेशों का रुख करते हैं। खाड़ी देशों जैसे सऊदी अरब, UAE, कतर, ओमान, और कुवैत में तेल और गैस, निर्माण, हेल्थकेयर, और सेवा क्षेत्र में बड़ी संख्या में नौकरियां उपलब्ध हैं।
यहां काम करने वाले भारतीयों को टैक्स-फ्री इनकम (Tax-Free Income) मिलती है, जिसका मतलब है कि उनकी कमाई पर कोई कर नहीं लगता। इसके अलावा, कई कंपनियां मुफ्त आवास, भोजन, और स्वास्थ्य बीमा जैसी सुविधाएं भी प्रदान करती हैं। इन कारणों से भारत के ग्रामीण और निम्न-मध्यम वर्ग के लोग बड़ी संख्या में इन देशों में काम करने जाते हैं।
देश | भारतीयों की संख्या | हिंदुओं की संख्या | औसत सालाना आय (INR) | मुख्य कार्यक्षेत्र |
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संयुक्त अरब अमीरात (UAE) | 35,00,000+ | 24,50,000+ | ₹4,00,000 - ₹12,00,000 | निर्माण, हेल्थकेयर, फाइनेंस, टूरिज़्म, IT |
सऊदी अरब | 25,00,000+ | 17,50,000+ | ₹3,00,000 - ₹10,00,000 | तेल और गैस, निर्माण, हेल्थकेयर, प्रशासन |
कतर | 8,00,000+ | 5,60,000+ | ₹4,50,000 - ₹15,00,000 | निर्माण, IT, टूरिज़्म, वित्तीय सेवाएं |
कुवैत | 9,93,000+ | 6,95,000+ | ₹3,00,000 - ₹8,00,000 | शिक्षा, हेल्थकेयर, निर्माण, वित्त |
ओमान | 5,30,000+ | 3,71,000+ | ₹2,50,000 - ₹7,00,000 | रिटेल, निर्माण, स्वास्थ्य सेवाएं, आईटी |
तुर्की | 1,389 | 972 | ₹3,60,000 - ₹9,00,000 | व्यापार, शिक्षा, तकनीकी, पर्यटन |
भारत से जाने की मजबूरी
- बेरोजगारी: भारत में रोजगार के सीमित साधन और बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण लोग विदेशों का रुख करते हैं।
- कम वेतन: भारत में काम के बदले मिलने वाला वेतन अपेक्षाकृत बहुत कम है। वहीं, खाड़ी देशों में इसी काम के लिए 2-3 गुना ज्यादा वेतन मिलता है।
- पारिवारिक दबाव: परिवार की जरूरतें, बच्चों की बेहतर शिक्षा, और घर बनाने के सपने लोगों को विदेश जाने के लिए प्रेरित करते हैं।
- सरल नौकरी प्रक्रिया: खाड़ी देशों में वीज़ा और नौकरी पाने की प्रक्रिया आसान है। नौकरी के लिए एजेंट्स और कंपनियां सीधे संपर्क करती हैं।
भारतीयों के लिए आकर्षण क्यों?
- उच्च वेतन: इन देशों में भारतीय श्रमिकों को ₹20,000 से ₹1,50,000 प्रति माह तक का वेतन मिलता है, जो भारत में मिलने वाले वेतन से कहीं ज्यादा है।
- रोजगार के क्षेत्र: खाड़ी देशों में मुख्य रूप से निर्माण, तेल और गैस, होटल इंडस्ट्री, और शिक्षा के क्षेत्र में रोजगार के अधिक अवसर हैं।
- भविष्य की योजनाएं: भारतीय प्रवासी अपनी आय का बड़ा हिस्सा बचत के रूप में रखते हैं और इसे अपने परिवार, बच्चों की शिक्षा और घर बनाने में निवेश करते हैं।
- सुरक्षित वातावरण: खाड़ी देशों में कानून बहुत सख्त हैं, जिससे प्रवासी श्रमिकों को एक सुरक्षित माहौल मिलता है।
मौजूद चुनौतियां और संघर्ष
मुस्लिम देशों में काम करना आसान नहीं होता। यहां का गर्म मौसम, लंबे काम के घंटे, और कभी-कभी कम सुविधाएं भारतीय कामगारों के लिए मुश्किलें खड़ी करते हैं। हालांकि, बेहतर आय और अपने परिवार के लिए सपनों को पूरा करने की चाहत उन्हें इन चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रेरित करती है।
मुस्लिम देशों में कितने हिंदू काम कर रहे हैं?
भारतीय प्रवासी समुदाय में 70% हिंदू होते हैं, जो खाड़ी देशों जैसे UAE, सऊदी अरब, कुवैत, कतर, और ओमान में काम करते हैं। ये मुख्य रूप से निर्माण, सेवा क्षेत्र, व्यापार, और होटल इंडस्ट्री से जुड़े हुए हैं।
इन हिंदू प्रवासियों की सालाना आय ₹2 लाख से ₹12 लाख तक होती है, जो उनके कौशल, अनुभव और काम के क्षेत्र पर निर्भर करती है। टैक्स-फ्री आय, मुफ्त आवास, और स्वास्थ्य सुविधाएं जैसे लाभ इन देशों में काम करने को आकर्षक बनाते हैं।
हालांकि, गर्म मौसम और लंबे काम के घंटे चुनौतियां हो सकती हैं, फिर भी ये प्रवासी बेहतर जीवन और परिवार के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
भारतीयों के लिए मुस्लिम देश रोजगार का एक बड़ा केंद्र हैं।
यहां बेहतर आय, मुफ्त सुविधाएं, और टैक्स-फ्री इनकम उन्हें आकर्षित करती है। हालांकि, इन देशों में काम करना आसान नहीं है, लेकिन भारतीय प्रवासी अपने कठिन परिश्रम और धैर्य से इन सभी चुनौतियों को पार कर अपने परिवार और देश के लिए योगदान देते हैं।