आसाराम को मिली कोर्ट से राहत, आसाराम की कुटिया में क्या हुआ जिसने मासूम बच्ची की जिंदगी बर्बाद कर दी? जानिए उस काली रात की सच्चाई

आसाराम की कुटिया की खौफनाक सच्चाई: उस रात मासूम के साथ क्या हुआ?


आसाराम की कुटिया में क्या हुआ जिसने मासूम बच्ची की जिंदगी बर्बाद कर दी? जानिए उस काली रात की, सच्चाई जिसने देश को झकझोर दिया और एक बाबा को जेल पहुंचा दिया।


आसाराम केस: उस एक घंटे ने मासूम की जिंदगी बर्बाद कर दी

आसाराम, जो कभी एक धार्मिक गुरु के रूप में पूजनीय थे, आज जेल की सलाखों के पीछे हैं। इस केस ने न सिर्फ एक मासूम बच्ची और उसके परिवार की जिंदगी बर्बाद कर दी, बल्कि देशभर में धर्म के नाम पर हो रहे अपराधों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए। यह कहानी है एक परिवार की, जिसने अपनी आस्था के चलते अपनी बच्ची को आसाराम के पास भेजा और बदले में मिला धोखा और पीड़ा।


आस्था का ऐसा विश्वास जो टूट गया

मध्य प्रदेश के शाजापुर के एक परिवार की आसाराम में अटूट श्रद्धा थी। उन्होंने अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए छिंदवाड़ा के आश्रम में भेजा, जो उनके घर से 877 किलोमीटर दूर था। इस दूरी को तय करने में 15 घंटे का समय लगता है।

7 अगस्त 2013 को आश्रम की वार्डन ने परिवार को फोन कर बताया कि उनकी बेटी बीमार है और उसे तुरंत इलाज की जरूरत है। जब परिवार आश्रम पहुंचा, तो बताया गया कि बच्ची पर "काला साया" है, जिसे आसाराम ही हटा सकते हैं। परिवार को दिल्ली बुलाया गया, लेकिन वहां बाबा नहीं मिले। फिर जानकारी मिली कि वह जोधपुर में हैं।


जोधपुर में आसाराम की कुटिया

14 अगस्त 2013 को परिवार की मुलाकात आसाराम से हुई। बाबा ने आश्वासन दिया कि 15 अगस्त को एक विशेष पूजा से बच्ची की समस्या दूर हो जाएगी। अगले दिन परिवार बच्ची को लेकर जोधपुर के हरिओम आश्रम पहुंचा।

पूजा के दौरान माता-पिता को बाहर भजन करने भेज दिया गया, जबकि बच्ची को आसाराम की कुटिया में अकेला छोड़ दिया गया। करीब एक घंटे बाद बच्ची बाहर आई। वह बेहद डरी और सहमी हुई थी। उसने अपनी मां से कहा कि वह तुरंत घर जाना चाहती है।


घर पहुंचकर बच्ची ने बताया खौफनाक सच

16 अगस्त को घर पहुंचने के बाद बच्ची ने अपनी मां को उस रात की सच्चाई बताई। उसने कहा कि आसाराम ने उसे दूध में कुछ मिलाकर पिलाया और फिर उसके साथ जबरदस्ती की। यह सुनकर माता-पिता का विश्वास टूट गया।

परिवार ने तुरंत पुलिस से संपर्क किया और बच्ची का बयान दर्ज कराया।


पुलिस की जांच और चार्जशीट

राजस्थान पुलिस ने इस मामले में 1300 पेज की चार्जशीट तैयार की। इसमें आसाराम पर नाबालिग के यौन शोषण, रेप और बंधक बनाने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए। छिंदवाड़ा आश्रम की वार्डन शिल्पी और आसाराम के सहयोगियों शरद, प्रकाश और शिवा को भी इस अपराध में शामिल पाया गया।


आसाराम को मिली सजा, लेकिन सवाल कायम

आसाराम को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई गई। यह केस सिर्फ एक अपराध की कहानी नहीं, बल्कि उन लोगों के लिए सबक है जो धर्म के नाम पर आंख मूंदकर किसी पर भरोसा कर लेते हैं


इस घटना से क्या सीखें?

1. बच्चों की सुरक्षा पर ध्यान दें: बच्चों को कभी भी अजनबियों या संदिग्ध लोगों के साथ अकेला न छोड़ें।

2. धर्म के नाम पर धोखा: किसी भी धार्मिक गुरु पर आंख मूंदकर भरोसा न करें।

3. कानूनी मदद लें: किसी भी प्रकार की गलत हरकत का तुरंत विरोध करें और पुलिस की मदद लें।

ध्यान रखें: आस्था जरूरी है, लेकिन आंख मूंदकर भरोसा खतरनाक हो सकता है। सचेत रहें, सुरक्षित रहें।


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