आंसू गैस और आरोप: क्या किसानों की आवाज सुनी जाएगी?

किसान आंदोलन पर गरमाई सियासत: क्या है नई रणनीति?

किसान आंदोलन पर गरमाई सियासत: क्या है नई रणनीति?

शंभू बॉर्डर पर नई रणनीति बनाने की तैयारी

किसानों का आंदोलन एक बार फिर चर्चा में है। पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर पिछले 300 दिनों से बैठे किसानों ने अब नई रणनीति तैयार करने की योजना बनाई है। सोमवार को शंभू बॉर्डर पर किसानों की अहम बैठक होगी, जिसमें यह तय होगा कि दिल्ली कूच के लिए अगला कदम क्या होगा। इससे पहले, किसानों ने दिल्ली जाने की कोशिश की थी, लेकिन पुलिस के सख्त कदमों और परमिशन न मिलने के कारण उनका प्लान फेल हो गया।


पुलिस और किसानों के बीच बढ़ते तनाव:

दिल्ली कूच रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस और बल प्रयोग का सहारा लिया, जिससे कई किसान घायल हुए। किसान नेताओं ने इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन बताते हुए अंतरराष्ट्रीय कानूनों के उल्लंघन के आरोप लगाए हैं।


सुप्रीम कोर्ट और हाईवे की बहाली पर उम्मीदें

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में शंभू बॉर्डर खोलने और पंजाब के अन्य हाईवे की बहाली को लेकर सुनवाई होगी। हाईवे बंद होने की वजह से आम जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। किसानों के इस आंदोलन के कारण रूट डाइवर्जन से यात्रा में समय और खर्च दोनों बढ़ गए हैं


राजनीति और विवाद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हरियाणा दौरे को लेकर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। इस बीच, किसान नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाया है कि असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए धार्मिक विवादों को बढ़ावा दिया जा रहा है। किसान नेता सरवंत सिंह पंडेर ने कहा कि हिंदुओं को खतरे में दिखाने का परसेप्शन बनाया जा रहा है, जबकि असली मुद्दा विकास और कृषि सुधार होना चाहिए।


क्या आगे बढ़ेगा समाधान?

सरकार और किसानों के बीच संवाद की खाई अब भी बनी हुई है। जहां सरकार का कहना है कि वह किसानों से हर मुद्दे पर बातचीत के लिए तैयार है, वहीं किसान नेताओं का आरोप है कि सरकार के कदम भरोसेमंद नहीं हैं।


आपकी राय:

क्या किसान आंदोलन और सरकार के बीच कोई ठोस समाधान निकल पाएगा? इस पर अपनी राय जरूर साझा करें

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