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कोलकाता: ट्रेनी महिला डॉक्टर की दुष्कर्म और हत्या का सनसनीखेज मामला, सजा पर सबकी नजरें
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त 2024 को एक भयावह घटना घटी जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। सेमिनार रूम में 26 वर्षीय ट्रेनी महिला डॉक्टर का शव मिला। शुरुआती जांच में इसे आत्महत्या करार दिया गया, लेकिन गहराई से हुई जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने इसे हत्या और दुष्कर्म का मामला साबित कर दिया।
घटना की शुरुआत:
घटना के दिन सुबह जब कुछ कर्मचारियों ने सेमिनार रूम में महिला डॉक्टर को देखा, तो वह मृत पड़ी थीं। शरीर पर चोटों के निशान और असामान्य स्थिति को देखते हुए परिवार और सहकर्मियों ने इसे आत्महत्या मानने से इनकार कर दिया। जब पुलिस ने गहराई से छानबीन शुरू की, तो मामला और गंभीर होता गया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट का खुलासा:
महिला डॉक्टर के शव पर किए गए पोस्टमार्टम में पाया गया:
- 1. पहले उसके साथ दुष्कर्म हुआ।
- 2. गला घोंटकर उसकी हत्या की गई
- 3. मौत सुनिश्चित करने के लिए उसका दो बार गला दबाया गया।
आरोपी की पहचान:
- संजय रॉय नामक व्यक्ति को इस जघन्य अपराध का मुख्य आरोपी बनाया गया।
- आरोप है कि संजय ने सेमिनार रूम में आराम कर रही महिला डॉक्टर पर हमला किया।
उसके साथ दुष्कर्म किया और फिर बेरहमी से उसकी हत्या कर दी।
आरोपी का दावा:
संजय ने कोर्ट में खुद को निर्दोष बताते हुए कहा, "मुझे झूठे मामले में फंसाया गया है। असली गुनहगारों को बचाया जा रहा है, जिसमें एक आईपीएस अधिकारी भी शामिल है।"
- जांच के दौरान क्या पता चला?
- जांच के दौरान यह सामने आया कि:
- मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने मामले को छुपाने की कोशिश की।
- घटना के समय सेमिनार रूम में सुरक्षा का घोर अभाव था।
- गवाहों और सबूतों ने संजय को इस अपराध में दोषी ठहराया।
- कोर्ट का फैसला और ट्रायल:
- इस मामले का ट्रायल 9 जनवरी 2025 को पूरा हुआ।
- 50 गवाहों से पूछताछ की गई।
- अदालत ने आरोपी को दोषी ठहराया और सोमवार, 20 जनवरी 2025 को सजा सुनाने का निर्णय लिया।
- सुनवाई के दौरान पीड़िता के माता-पिता भी कोर्ट में मौजूद रहे।
डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन:
इस घटना ने पूरे चिकित्सा समुदाय को हिला दिया। कोलकाता के जूनियर डॉक्टरों ने सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा सुनिश्चित करने और पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग को लेकर बड़ा आंदोलन किया।
- यह प्रदर्शन दो महीने से अधिक चला।
- राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो गईं।
- डॉक्टरों ने मांग की कि अस्पतालों में सुरक्षा कड़ी की जाए।
अदालत का कड़ा रुख:
कोर्ट ने कहा कि यह मामला सिर्फ एक महिला डॉक्टर का नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज के लिए एक बड़ा सबक है। अदालत ने यह सुनिश्चित करने की बात कही कि दोषी को ऐसी सजा मिले जो आने वाले समय में एक मिसाल बने।
आपकी राय क्या है?
यह मामला केवल न्याय का सवाल नहीं है, बल्कि समाज और सरकारी संस्थानों की जिम्मेदारी पर भी सवाल खड़े करता है। क्या संजय रॉय को सख्त सजा देकर पीड़िता को न्याय मिलेगा? या इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए और सख्त कदम उठाने की जरूरत है?