अमरीका में सवा सात लाख भारतीय अवैध तरीक़े से रह रहे हैं। क्या अब ट्रम्प उन्हें वापिस भारत भेजेंगे? जानिए पुरा मामला
अमेरिका में अवैध प्रवासियों को लेकर सख्त कदम
डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में अमेरिका में अवैध प्रवासियों को लेकर सख्त कदम उठाने की घोषणा की है। उन्होंने अवैध रूप से अमेरिका में घुसने वाले प्रवासियों के खिलाफ न केवल कार्रवाई तेज करने का निर्देश दिया है, बल्कि जन्म के आधार पर मिलने वाली नागरिकता पर भी रोक लगाने का आदेश दिया है। यह फैसला 20 फरवरी से लागू होगा। इस नई नीति का असर न केवल अवैध प्रवासियों पर पड़ेगा, बल्कि वैध रूप से रह रहे भारतीय प्रवासियों पर भी इसका प्रभाव हो सकता है।
भारतीयों पर असर
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में लगभग 7.5 लाख भारतीय बिना दस्तावेजों के रह रहे हैं। इनमें से अधिकांश ने बेहतर जीवन की तलाश में अपने घर और जमीन बेचकर भारी कर्ज लेकर अमेरिका का रुख किया था। लेकिन ट्रंप के इस फैसले ने उनकी स्थिति को अनिश्चित बना दिया है।
अवैध प्रवासियों को पकड़ने और वापस भेजने की प्रक्रिया में सबसे पहले उन 65 लाख लोगों पर कार्रवाई होगी, जिनके खिलाफ आपराधिक मामले हैं। इसके बाद उन प्रवासियों को निशाना बनाया जाएगा, जिनके खिलाफ पहले से ही डिपोर्टेशन ऑर्डर जारी हो चुके हैं।
अमेरिका में जन्म के आधार पर नागरिकता पर रोक
1868 में लागू हुए संशोधन के तहत, अमेरिका में जन्म लेने वाला हर बच्चा स्वाभाविक रूप से अमेरिकी नागरिकता प्राप्त करता था, भले ही उसके माता-पिता की नागरिकता कुछ भी हो। लेकिन ट्रंप के इस नए आदेश ने इस नियम को बदलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह बदलाव उन परिवारों के लिए झटका है, जो अमेरिका में अपने बच्चों को भविष्य के अधिकार दिलाने की उम्मीद से बसते हैं।
डंकी रूट: एक खतरनाक यात्रा
अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने के लिए कई भारतीय खतरनाक डंकी रूट अपनाते हैं। यह रूट दक्षिण अमेरिकी देशों, पनामा के जंगलों और मेक्सिको के रास्ते अमेरिका तक पहुंचता है। इन रास्तों में कई भारतीय ठंड, भूख और डूबने जैसी चुनौतियों का सामना करते हुए अपनी जान गंवा चुके हैं।
गुजरात और हरियाणा के युवा इस रूट के प्रमुख उपयोगकर्ता हैं। हाल ही में हरियाणा के कैथल के 32 वर्षीय मलकीत और गुजरात के मेहसाणा के एक परिवार की मौत ने इस जोखिमपूर्ण यात्रा के खतरों को उजागर किया।
भारत की चुनौती
ट्रंप की नीति से अगर लाखों भारतीयों को वापस भेजा जाता है, तो यह भारत के लिए एक बड़ी चुनौती होगी। कई भारतीय, जो अमेरिका में बेहतर जीवन की तलाश में कर्ज लेकर गए थे, अब अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने की बजाय और अधिक संकट में फंस सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की सरकार, जो अवैध घुसपैठियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाने का दावा करती है, के लिए यह एक कठिन परीक्षा होगी। ऐसे भारतीय, जिन्हें अमेरिका से डिपोर्ट किया जाएगा, उनकी मदद और पुनर्वास के लिए भारत को ठोस कदम उठाने होंगे।
ट्रंप का यह कदम क्या सही है?
अमेरिका में अवैध प्रवासियों के खिलाफ ट्रंप का यह कदम न केवल भारतीय प्रवासियों के लिए, बल्कि उन सभी देशों के लिए चिंताजनक है, जिनके नागरिक अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे हैं। भारत के युवाओं को यह सोचने की जरूरत है कि क्या जान जोखिम में डालकर अवैध रूप से विदेश जाना सही है। सरकार को भी अपने देश में रोजगार के बेहतर अवसर पैदा करने की दिशा में ठोस प्रयास करने होंगे, ताकि भारतीय युवाओं को अपना सपना पूरा करने के लिए खतरनाक रास्तों का सहारा न लेना पड़े।