बोरा भर शिकायतें लेकर पहुंचा युवक, कलेक्टर ने तुरंत दिया इंसाफ!
एक बोरा, हजार दर्द: ग्वालियर कलेक्टर ने सुनी गुहार
ग्वालियर में मजदूर जितेंद्र गोस्वामी ने अपनी शिकायतों का अनोखा तरीका अपनाया। पीला बोरा लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे और कलेक्टर से मदद मांगी। जानें कैसे उनकी समस्या का समाधान हुआ।
पीला बोरा और फरियाद की अनोखी कहानी
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक मजदूर ने सरकारी अनदेखी के खिलाफ ऐसा कदम उठाया, जिसने सभी का ध्यान खींचा। जितेंद्र गोस्वामी, जो मोहना गांव के रहने वाले हैं, हाथ में भारी पीला बोरा लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे। बोरे में क्या था? उनकी वर्षों से अनसुनी पड़ी शिकायतों का ढेर।
"मैंने कई बार आवेदन दिए, लेकिन हर बार मेरे कागज कहीं खो गए या किसी टेबल पर दबकर रह गए," जितेंद्र ने कहा। यह पीला बोरा उनकी हताशा और उम्मीद दोनों का प्रतीक था।
जब सुरक्षा कर्मी भी रह गए हैरान
जैसे ही जितेंद्र कलेक्ट्रेट पहुंचे, गेट पर मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें रोका। बोरे को खोलते ही उन्होंने देखा कि उसमें आवेदन पत्रों का अंबार था। लेकिन जितेंद्र ने बिना रुके कलेक्टर रुचिका चौहान के ऑफिस की ओर कदम बढ़ा दिए।
पिछले छह सालों की पीड़ा
जितेंद्र ने कलेक्टर को बताया कि उनकी पत्नी गंभीर बीमारियों से जूझ रही हैं, और वे एक मजदूर होने के नाते बड़ी मुश्किल से परिवार का खर्च उठा पाते हैं।
"2018 से मैं प्रधानमंत्री आवास योजना में घर के लिए आवेदन कर रहा हूं। हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर मेरा नाम काट दिया जाता है। अब मेरे पास यह बोरा लेकर आने के अलावा कोई चारा नहीं था," उन्होंने कहा।
कलेक्टर ने दिया इंसाफ
जितेंद्र की बात सुनकर कलेक्टर रुचिका चौहान ने तुरंत कर्मचारियों से उनके केस की जांच करवाई। पात्रता की पुष्टि होने पर उन्होंने जितेंद्र का नाम योजना में तुरंत जोड़ने का आदेश दिया। यह सुनकर जितेंद्र के चेहरे पर खुशी छलक पड़ी।
"आज मुझे लगता है कि मेरी मेहनत रंग लाई। यह घर मेरे परिवार के लिए किसी सपने के सच होने जैसा है," जितेंद्र ने कहा।
नया साल, नई उम्मीदें
इस घटना ने यह साबित किया कि यदि आप अपनी समस्या को सही तरीके और सही जगह पर लेकर जाते हैं, तो हल जरूर निकलता है। जितेंद्र की कहानी न केवल एक इंसान की जीत है, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो अपने अधिकार के लिए लड़ रहा है
आपके लिए प्रेरणा
यदि आपको भी किसी योजना या सहायता का लाभ नहीं मिल रहा है, तो आवाज उठाएं। सही कदम और सही प्रयास आपकी जिंदगी बदल सकते हैं।
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