चौंकाने वाला खुलासा! क्या भारत का इंटरनेट Elon Musk के कब्जे में जा रहा है?
नई दिल्ली: हाल ही में सामने आई एक बड़ी खबर ने भारतीय इंटरनेट और दूरसंचार क्षेत्र में हलचल मचा दी है। SpaceX के मालिक एलन मस्क की कंपनी Starlink को भारत में स्पेक्ट्रम आवंटित किए जाने की रिपोर्ट सामने आई है। सवाल यह उठता है कि जब 2014 से पहले स्पेक्ट्रम की नीलामी पर विवाद हुआ था, तो अब बिना नीलामी के यह स्पेक्ट्रम कैसे दिया जा रहा है?
भारत पर अमेरिका का दबाव?
अमेरिकी प्रशासन लगातार भारत के व्यापारिक फैसलों पर सवाल उठा रहा है। हाल ही में White House की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिन लेविट ने कहा कि भारत अमेरिकी शराब पर 150% टैरिफ लगाता है, जिससे अमेरिका को नुकसान हो रहा है। इसके अलावा, डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने अपने "मित्र नरेंद्र मोदी" को 21 मिलियन डॉलर की मदद दी थी, लेकिन भारत सरकार ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
Tesla और Starlink को भारत में फायदा क्यों?
एलन मस्क की Tesla जल्द ही भारत में अपना पहला शोरूम खोलने जा रही है, और इसी बीच इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर 85% टैरिफ घटाने की घोषणा भी हुई। इससे साफ है कि Tesla को भारत में एंट्री देने के लिए सरकार नीतियों में बदलाव कर रही है। साथ ही, Starlink के स्पेक्ट्रम आवंटन की खबरें आ रही हैं, जिससे भारत में इंटरनेट सेक्टर पर एलन मस्क का प्रभाव बढ़ सकता है।
स्पेक्ट्रम नीलामी का सवाल
2010-2014 के बीच 2G स्पेक्ट्रम घोटाले का मुद्दा उठा था, जिसमें सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। लेकिन 2025 में बिना किसी नीलामी के Starlink को स्पेक्ट्रम कैसे दे दिया गया? क्या यह एक नया टेलीकॉम घोटाला साबित होगा?
क्या भारत का डेटा सुरक्षित है?
अगर Starlink को बिना नीलामी के 12-18 GHz स्पेक्ट्रम दिया जा रहा है, तो इसका मतलब यह भी हो सकता है कि भारत के इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर पर विदेशी नियंत्रण बढ़ेगा। क्या सरकार ने इस बारे में कोई सुरक्षा नीति बनाई है, या फिर यह फैसला जल्दबाजी में लिया गया?
क्या आपको लगता है कि भारत के इंटरनेट पर विदेशी नियंत्रण बढ़ रहा है? अपनी राय नीचे कमेंट में दें!