अतुल का आखिरी कदम: 23 पन्नों की चिट्ठी में छिपी साजिश की कहानी!"
अतुल सुभाष की चिट्ठी में छिपे राज: रिश्तों और साजिश का खतरनाक खेल
आपने सुना होगा कि सच छुपता नहीं, लेकिन जब रिश्ता साजिश में बदल जाए तो जिंदगी के पन्ने खून से लिखे जाते हैं। अतुल सुभाष की 23 पन्नों की चिट्ठी ने रिश्तों और कानून के नाम पर खेली गई खतरनाक साजिशों का खुलासा किया है।
निकिता सिंघानिया: एक आदर्श पत्नी या साजिश की सूत्रधार?
कहानी की शुरुआत 2019 में हुई, जब मैरिज वेबसाइट पर अतुल सुभाष और निकिता सिंघानिया मिले। दोनों ने 2021 में शादी की, लेकिन ये खुशहाल जिंदगी महज कुछ महीनों की मेहमान रही। दिल्ली में एसेंचर में काम करने वाली निकिता और जौनपुर के खोवा मंडी में बसे उनके परिवार पर अब गंभीर आरोप हैं।
अतुल का दावा था कि निकिता ने शादी को हथियार बनाकर दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा जैसे झूठे मुकदमों से उनके परिवार को तोड़ने की साजिश रची। क्या वाकई यह सब पैसे ऐंठने का एक गहरा प्लान था?
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23 पन्नों का नोट: एक आखिरी चीख या इंसाफ की पुकार?
आप सोच रहे होंगे, आखिर ऐसा क्या लिखा था उस नोट में जिसने पूरे देश को चौंका दिया? अतुल ने लिखा कि निकिता ने 6 लोअर कोर्ट और 3 हाई कोर्ट केस दर्ज कराए। तलाक के बदले हर महीने दो लाख रुपये मांगे गए। उनके माता-पिता और भाई पर हत्या और अननेचुरल सेक्स जैसे घिनौने आरोप लगाए गए।
अतुल ने जौनपुर की फैमिली कोर्ट की जज रीता कौशिश पर भी रिश्वत लेने का आरोप लगाया। उन्होंने लिखा, "मुझे न मेरी पत्नी चाहिए, न पैसा। मैं बस अपने बेटे से मिलना चाहता हूं। लेकिन ये लोग मुझे जिंदा रहने नहीं देंगे।"
समाज और न्यायपालिका पर सवाल
क्या रिश्तों में साजिश का यह खेल बढ़ता जा रहा है? सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि कानून का ऐसा दुरुपयोग रिश्तों को जहर बना रहा है। कुछ इसे "मर्दों के खिलाफ झूठे आरोपों का केस" कह रहे हैं, तो कुछ न्यायपालिका पर उठे सवालों को लेकर चिंतित हैं।
क्या निकिता के खिलाफ जांच होगी?
अब इस मामले की जांच जारी है। क्या निकिता और उनके परिवार ने वाकई अतुल को फंसाया, या फिर यह सच्चाई का सिर्फ एक पक्ष है? जो भी हो, ये केस हर परिवार और रिश्ते को सोचने पर मजबूर कर रहा है।